Jinki Mutthiyon Mein Surakh Tha – Neelakshi Singh
₹276.00₹325.00
Jinki Mutthiyon Mein Surakh Tha – Neelakshi Singh
जिनकी मुट्ठियों में सुराख था नीलाक्षी सिंह द्वारा लिखित कहानी-संग्रह है। नीलाक्षी सिंह की कहानियाँ अपने कथ्य और शिल्प में असाधारण हैं। इसकी बड़ी वजहों में एक यह है कि जिन विवरणों के सहारे ये कथ्य और शिल्प का निर्माण करती हैं, उसकी द्विध्रुवीयता एक पाठक के रूप में हमें आमंत्रित करती है।
In stock
जिनकी मुट्ठियों में सुराख था नीलाक्षी सिंह द्वारा लिखित कहानी-संग्रह है। नीलाक्षी सिंह की कहानियाँ अपने कथ्य और शिल्प में असाधारण हैं। इसकी बड़ी वजहों में एक यह है कि जिन विवरणों के सहारे ये कथ्य और शिल्प का निर्माण करती हैं, उसकी द्विध्रुवीयता एक पाठक के रूप में हमें आमंत्रित करती है। नीलाक्षी सिंह की कहानियों में शिल्प कथ्य तक पहुँचने का साधन नहीं रहता, वह खुद ही धीरे-धीरे रासायनिक अन्तक्रियात्मकता के सहारे कथ्य में बदल जाता है।
About the Author:
जन्म : 17 मार्च 1978, हाजीपुर, बिहार प्रकाशन : परिंदे का इंतज़ार सा कुछ, जिनकी मुट्ठियों में सुराख़ था, जिसे जहाँ नहीं होना था, इब्तिदा के आगे ख़ाली ही (कहानी संग्रह); शुद्धिपत्र, खेला (उपन्यास) सम्मान : रमाकांत स्मृति सम्मान, कथा सम्मान, साहित्य अकादेमी स्वर्ण जयंती युवा पुरस्कार, प्रो. ओमप्रकाश मालवीय एवं भारती देवी स्मृति सम्मान और कलिंग बुक ऑफ़ बुक ऑफ़ द इयर 2020-21
ISBN | 9789393758088 |
---|---|
Author | Neelakshi Singh |
Binding | Paperback |
Pages | 230 |
Publication date | 30-09-2022 |
Imprint | Setu Prakashan |
Language | Hindi |
Customer Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “Jinki Mutthiyon Mein Surakh Tha – Neelakshi Singh”
You must be logged in to post a review.