Notice 2 By Raju Sharma

764.00899.00

‘नोटिस-2’ राजू शर्मा जीवन से गहरी आसक्ति और गम्भीर राजनीतिक समझ से निॢमत हैं,जीवन की डिटेलिंग इस आसक्ति और समझ को ऊध्र्व और ऊर्जावान बनाती है

In stock

Wishlist

About the Author:

जन्म : 1959 शिक्षा : दिल्ली विश्वविद्यालय के सेंट स्टीफंस कॉलेज से भौतिक विज्ञान में स्नातकोत्तर। लोक प्रशासन में पी-एच.डी.। 1982 से 2010 तक आईएएस सेवा में रहे। उसके बाद से स्वतंत्र लेखन, मुसाफ़रत और यदा-कदा की सलाहनवीसी। लेखन के अलावा रंगकर्म, फ़िल्म व फ़िल्म स्क्रिप्ट लेखन में विशेष रुचि। प्रकाशन : हलफनामे, विसर्जन, पीर नवाज़, क़त्ल ग़ैर इरादतन (उपन्यास); शब्दों का खाकरोब, समय के शरणार्थी, नहर में बहती लाशें (कहानीसंग्रह); भुवनपति, मध्यमवर्ग का आत्मनिवेदन या गुब्बारों की रूहानी उड़ान, जंगलवश (नाटक)। अनेक नाटकों का अनुवाद व रूपांतरण पिता(ऑगस्त स्ट्रिनबर्ग)।

ISBN

9789392228087

Author

Raju Sharma

Binding

Hardcover

Pages

367

Publisher

Setu Prakashan Samuh

Imprint

Setu Prakashan

Language

Hindi

Customer Reviews

There are no reviews yet.

Be the first to review “Notice 2 By Raju Sharma”

You may also like…

  • E Mere Vatan – Raju Sharma

    E Mere Vatan – Raju Sharma

    ऐ मेरे वतन एक और बहुस्तरीय उपन्यास है। राजू शर्मा के इस उपन्यास में वर्णित यथार्थ का फलक भी बड़ा है। किस्सागोई भी खूब है और इसकी भाषा रूढ़िमुक्त है, लेकिन इसके पीछे प्रयोजन जी बहलाव वाली पठनीयता पैदा करना नहीं बल्कि हमारे देश तथा समाज की दिनोदिन और भयावह होती जाती स्थितियों को

    616.00725.00
  • Vyabhichari By Raju Sharma

    ‘व्यभिचारी’ फुललेन्थ नॉवेल तो नहीं हैं, न लम्बी कहानी ही हैं। अपनी सुविधा केलिए हम इन्हें उपन्यासिका कह रहे हैं। पर इन दो पुस्तकों में समाहित पाँच रचनाएँ विधा की संरचनाओं के सन्दर्भ में हमें भ्रमित करती हैं।

    764.00899.00
  • Katl Gair Iradtan By Raju Sharma

    Katl Gair Iradtan By Raju Sharma

    क़त्ल गैर इरादतन’ राजू शर्मा का चौथा उपन्यास है। यह क़त्ल गैर इरादतन है। किसकी? ज़ारा अफ़रोज़ की-पर इस हत्या के संदर्भ में नैरेटर कहता है कि इसके बाद ज़ारा अफ़रोज़ हत्या केस में क्या हुआ—वह इस कथा का विषय नहीं है और भौतिक रूप में हत्या भी एक यही हुई है किंतु वास्तव में यहाँ हत्या की श्रृंखलाएँ हैं।

    660.00825.00
  • Vyabhichari By Raju Sharma (Paperback)

    ‘व्यभिचारी’ फुललेन्थ नॉवेल तो नहीं हैं, न लम्बी कहानी ही हैं। अपनी सुविधा केलिए हम इन्हें उपन्यासिका कह रहे हैं। पर इन दो पुस्तकों में समाहित पाँच रचनाएँ विधा की संरचनाओं के सन्दर्भ में हमें भ्रमित करती हैं।

    339.00399.00