GHAR JAATE by Gulammohammed Sheikh
₹425.00
GHAR JAATE by Gulammohammed Sheikh
हमारे समय के एक मूर्धन्य चित्रकार और कलाविद् गुलाममोहम्मद शेख की गुजराती से हिन्दी अनुवाद में कला-पुस्तक निरखे वही नज़र रजा पुस्तक माला में पहले प्रस्तुत की जा चुकी है।
In stock
हमारे समय के एक मूर्धन्य चित्रकार और कलाविद् गुलाममोहम्मद शेख की गुजराती से हिन्दी अनुवाद में कला-पुस्तक निरखे वही नज़र रजा पुस्तक माला में पहले प्रस्तुत की जा चुकी है। घर जाते शीर्षक पुस्तक उनकी स्मृतियों और संस्मरणों का एक सुनियोजित संकलन है। इसका गद्य विशेष है – ज़िन्दगी – पुरा-पड़ोस-परिवार आदि के चरित्रों-घटनाओं आदि के ब्यौरों के आत्मीय बखान में, अपनी मानवीय ऊष्मा में, अपनी चित्रमयता की आभा में। यह गद्य ऐसा है जिसमें चित्रकार-कवि-व्यक्ति अपनी निपट और सहज मानवीयता में प्रगट, व्यक्त और विन्यस्त होता है। इस गद्य में चित्रकार द्वारा उकेरी छबियाँ हैं, कवि द्वारा पायी सघनता है और व्यक्ति द्वारा सहेजी गयी जिजीविषा है। यह गद्य हमें मानो घर ले जाता और वहाँ से लौटाता भी है : उसमें अतीत वर्तमान हो जाता है और वर्तमान में अतीत के नकूश उभरते, लीन होते हैं। इस अद्भुत गद्य को हिन्दी में प्रस्तुत करते हुए रज़ा फ़ाउण्डेशन प्रसन्नता अनुभव कर रहा है – इस सुखद स्मरण करते संयोग का हुए कि घर जाते (मूल गुजराती घेर जतां) को हाल ही में साहित्य अकादेमी पुरस्कार मिला है।
About the Author:
गुलाम मोहम्मद शेख जन्म : १९३७ सुरेन्द्रनगर (गुजरात)। शिक्षा : एम.ए. (फाइन आर्ट), महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, वडोदरा १९६१; ए. आर.सी.ए., रॉयल कॉलेज ऑफ़ आर्ट, लन्दन, १९६६ । अध्यापन कला का इतिहास, महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी, १९६१ – १९६३ और १९६७-१९८१, चित्रकला, वहीं १९८२- १९९३ । अतिथि कलाकार : आर्ट इंस्टीट्यूट ऑफ शिकागो १९८७ और २००२; चिवितेल्ला रानियेरी सेण्टर, उम्बेरटिडे, इटली १९९८ यूनिवर्सिटी ऑफ पेन्सिलवेनिया, अमेरिका २०००; मोन्ताल्वो, केलिर्फोनिया, अमेरिका २००५; फ़ेलो, दिल्ली यूनिवर्सिटी, २००४ । चित्र – प्रदर्शनियाँ देश-विदेश में १९६१ से २०२२ : विशेष प्रदर्शनी १९६८ से १९८५ तक के चित्रों में से पच्चीस चुने हुए चित्र, ज्योर्ज पोम्पीदू सेण्टर, पैरिस १९८५ । संयोजक : कुमारस्वामी शताब्दी सेमिनार, नयी दिल्ली, १९७७ । कला-विषयक व्याख्यान देश- विदेश में । २०१३ में छह अमेरिकी विश्वविद्यालयों की व्याख्यान – यात्रा । पुस्तकें : गुजराती में कविता-संग्रह अथवा (१९७४) और अथवा अने (२०१३), निरखे ते नजर (२०१६), स्मरण – कथाएँ: घेर जतां (२०१५), और विश्व-कला का इतिहास (सम्पादन, शिरीष पंचाल के साथ), दृश्यकला (१९९६) वगैरह सम्मान : कालिदास सम्मान (२००२), रविशंकर रावल पुरस्कार (१९९७ – १९९९), रवि वर्मा पुरस्कारम् (२००९), पद्मश्री (१९८३), पद्मभूषण (२०१४), साहित्य अकादेमी पुरस्कार (२०२२) ।
ISBN | 9788196134945 |
---|---|
Author | Gulammohammed Sheikh |
Binding | Paperback |
Pages | 152 |
Publication date | 25-02-2023 |
Publisher | Setu Prakashan Samuh |
Imprint | Setu Prakashan |
Language | Hindi |
Customer Reviews
There are no reviews yet.
Be the first to review “GHAR JAATE by Gulammohammed Sheikh”
You must be logged in to post a review.