Usi Jungle samay mein By Hridayesh
₹160.00
Usi Jungle samay mein By Hridayesh
उसी जंगल समय में – हृदयेश (हृदय नारायण मेहरोत्रा)
In stock
About Author
हृदयेश (हृदय नारायण मेहरोत्रा)
पूरा नाम : हृदय नारायण मेहरोत्रा जन्म : 1930 निवास : 136/2 बक्सरियां, शाहजहांपुर 242001 प्रकाशित कृतियाँ : उपन्यास : गांठ : 1970, हत्या : 1971, एक कहानी अंतहीन : 1972, सफेद घोड़ा काला सवार : 1976, सांड: 1981, नास्तिक (अनुवाद) : 1984, पुनर्जन्म : 1985, दंडनायक : 1990, पगली घंटी : 1995, किस्सा हवेली: 2003। कहानी संग्रह : छोटे शहर के लोग : 1972, अंधेरी गली का रास्ता : 1977, इतिहास : 1981, उत्तराधिकारी : 1981, अमरकथा : 1984, प्रतिनिधि कहानियाँ : 1988, नागरिक : 1992, रामलीला तथा अन्य कहानियाँ : 1993, सम्मान : 1996, जीवनराग : 1999, सन् उन्नीस सौ बीस : 1999 ‘सफेद घोड़ा काला सवार’ तथा ‘सांड’ उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान द्वारा पुरस्कृत। प्रतिबद्ध सृजन-यात्रा के लिए 1993 के ‘पहल सम्मान’ से समाहत।
SKU: | usi-jangal-samay-mein |
---|---|
Category: | story |
Tags: | hindi stories, Hridayesh, kahani in hindi, kahanikaar, kahaniyan, story book, story book in hindi, कहानियों के नाम, कहानीकार के नाम |
ISBN | 8187482486 |
---|---|
Author | hridayesh |
Pages | 175 |
Publisher | Setu Prakashan Samuh |
Imprint | Vagdevi |
Language | Hindi |
Related products
-
Kavita Painting Ped Kuch Nahi – Kailash Banvasi
Kavita Painting Ped Kuch Nahi – Kailash Banvasi
कविता पेंटिंग पेड़ कुछ नहीं – कैलाश बनवासीकैलाश बनवासी एक अत्यंत मूल्यवान गठरी पर बैठे हैं। छत्तीसगढ़, बस्तर, सरगुजा के अँधेरों में एक ऐसा मनुष्य करवट ले रहा है जिसका बीज मुक्तिबोध ने बोया था।
-
Hinsa By Festis Iyayi
प्रस्तुत उपन्यास ‘हिंसा’ में इयायी ने नाइजीरियाई समाज की राजनीतिक और सामाजिक संरचना में व्याप्त हिंसा को उजागर किया है जो कहीं दृश्य तो कहीं अदृश्य रूप से समाज के उन तबकों को प्रभावित करती है जो आमतौर पर हाशिये पर हैं।
₹799.00 -
-
-
-
Prarthana Samay By Pradeep Jilwane
Prarthana Samay By Pradeep Jilwane
सबसे पहले शीर्षक कहानी ‘प्रार्थना समय’ पर बात लाजिमी लगती है, एक मुलायम रेशमी धागों से बुनती हुई यह कहानी आगे बढ़ती है कि एक अचानक एक चिंगारी उड़ती हुई आती है, कहानी के नायक के हाथ दुआ में उठे हैं कि काश चिंगारी इन रेशमी धागों तक न पहुंचे, कितनी जल्दी आग पकड़ लेते हैं न ये! कितनी जल्दी बदल जाती है यह दुनिया या कोई बुरी ताकत है, जो लगातार सक्रिय है इस दुनिया को खराब दुनिया में तब्दील करने में… आदमजात की हत्या करने में।
-
Band Kothari Ka Darwaja By Rashmi Sharma
इस संग्रह की कहानियाँ भिन्न जीवन-स्थितियों एवं भिन्न मनःस्थितियों की कहानियाँ हैं। मध्य वर्ग, मजदूर वर्ग, निम्न वर्ग, समान्त वर्ग सब हैं इन कहानियों में। कहानीकार यथार्थ रचने की प्रक्रिया में भी हैं। बन्द कोठरियों के दरवाजे खुल रहे हैं।
-
Be the first to review “Usi Jungle samay mein By Hridayesh”
You must be logged in to post a review.