Nasira Sharma

(जन्म : 1948, इलाहाबाद, उत्तरप्रदेश) एम.ए. फारसी भाषा (पाँच वर्ष)। हिन्दी, उर्दू, फारसी, अंग्रेज़ी, पश्तो भाषा का ज्ञान। जामिया मिलिया इस्लामिया, दिल्ली में तीन वर्ष अध्यापन। कहानी संग्रह : शामी काग़ज़, पत्थर गली, संगसार, इब्ने मरियम, सबीना के चालीस चोर, ख़ुदा की वापसी, इन्सानी नस्ल, दूसरा ताजमहल, बुतख़ाना। उपन्यास : सात नदियाँ एक समन्दर, शाल्मली, ठीकरे की मंगनी, ज़िन्दा मुहावरे, अक्षयवट, कुइयांजान, जीरो रोड, पारिजात, अजनबी जज़ीरा, कागज की नाव। विशेष अध्ययन : अफ़ग़ानिस्तान : बुजकशी का मैदान (दो खंड), मरजीना का देश इराक। अन्य : यादों के गलियारे, राष्ट्र और मुसलमान, औरत के लिए औरत, वह एक कुमारबाज़ थी, औरत की आवाज, जब समय बदल रहा हो इतिहास, किताब के बहाने, सबसे पुराना दरख्त। नाटक और बाल साहित्य भी प्रकाशित। अनुवाद : शाहनामा-ए-फिरदौसी, गुलिस्तान-ए-सादी, क़िस्सा जाम का, वियतनाम की लोक कथाएँ, काली छोटी मछली, बर्निग पायर, पोयेम आफ प्रोटेस्ट ईरानियन रेवुलूशन, अदब में बाईं पसली (छह खण्डों में एशिया साहित्य का अनुवाद)। संयोजन : पुनश्च एवं सारिका का ईरान क्रान्ति विशेषांक। सम्पादन : वर्तमान साहित्य का महिला लेखन अंक एवं राजस्थान लेखकों की रचना 'क्षितिज पार' नाम से। फिल्म : फ्रेंच एवं जर्मन टी.वी. द्वारा बनी ईरानी बाल-बन्धकों पर फिल्मों में सहयोग। फिलहाल : स्वतंत्र लेखन एवं पत्रकारिता।

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