Raji seth

जन्म : 1935, नौशेहरा छावनी (अविभाजित भारत) शिक्षा : एम.ए. अंग्रेजी साहित्य, विशेषाध्ययन भारतीय दर्शन प्रकाशन : कहानी संग्रह : अंधे मोड़ से आगे, तीसरी हथेली, यात्रा मुक्त, दूसरे देशकाल में, यह कहानी नहीं, गमे हयात ने मारा। कथा-संचयन : सदियों से, किसका इतिहास, खाली लिफ़ाफ़ा, मार्था का देश (यंत्रस्थ)। उपन्यास : तत-सम, निष्कवच। अनुवाद : जर्मन कवि रिल्के के 100 पत्रों और कविताओं का अनुवाद; दिनेश शुक्ल के गुजराती नाटक 'पल्लवी परणी गई' का हिन्दी अनुवाद; तमिल कवयित्री के उपन्यास 'आकाश ही आकाश' का अनुवाद; जापानी चिंतक डॉ. इकेदा के बाल उपन्यास 'राजकुमार और मूंगों के सागर' का अनुवाद; आक्ताविया पाज़ सहित बहुत से योरोपीय कवियों के अनुवाद। अनूदित कार्य : बहुत-सी भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में कहानियों, कविताओं के अनुवाद, मीलों लंबा पुल (उर्दू), मेरे लई नईं (पंजाबी), मदर्स डायरी एंड अदर स्टोरीज़ (अंग्रेजी), अनार्ड (अंग्रेजी), इक्यूनॉक्स (अंग्रेजी), निष्कवच (गुजराती)। मराठी, बंगाली, तेलुगु, गुजराती व अंग्रेजी में कहानियों के छिटपुट अनुवाद। सम्पादन : वैचारिक पत्रिका 'युगसाक्षी' (लखनऊ) का 8 वर्ष तक सहसम्पादन। भारतीय कहानियाँ (1987-88), भारतीय ज्ञानपीठ। सम्मान-पुरस्कार : प्रमुख हिन्दी अकादमी सम्मान, भारतीय भाषा परिषद् पुरस्कार, अनन्त गोपाल शेवड़े कथा साहित्य पुरस्कार, संसद साहित्य परिषद् सम्मान, रचना पुरस्कार तथा अन्य कई प्रतिष्ठित सम्मान। भारतीय उच्च अध्ययन संस्थान, शिमला की फेलो रही हैं। दिल्ली में निवास।

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