Dr. Rajesh Kumar Vyas

14 सितम्बर, 1973, बीकानेर पीएच.डी., एम.जे.एम.सी. एमबीए, पीजीडीसीए कवि, आलोचक एवं संस्कृतिकर्मी डॉ. व्यास संगीत, नृत्य, चित्रकला, रंगमंच, फिल्म, छायांकन, आदि कलाओं के साथ ही संस्कृति के विभिन्न आयामों पर लिखने वाले हिन्दी के देश के बहचर्चित लेखक हैं। राजस्थान पत्रिका, दैनिक भास्कर, दैनिक नवज्योति में लिखे कलाओं की परख संबंधी उनके स्तम्भ खासे चर्चित रहे हैं। इन दिनों वह राजस्थान पत्रिका समूह के 'डेली न्यूज' में प्रति सप्ताह 'कला तट' कॉलम लिख रहे हैं। केन्द्रीय ललित कला अकादेमी की पत्रिका 'समकालीन कला' के एक अंक के वह अतिथि सम्पादक भी रहे हैं। दूरदर्शन के लिए डॉ. व्यास ने 'डेजर्ट कॉलिंग' धारावाहिक और कला-संस्कृति से संबद्ध दो दर्जन से अधिक वृत्तचित्रों का लेखन किया है। साहित्य की विभिन्न विधाओं में उनकी अब तक 18 पुस्तकें प्रकाशित हैं। इनमें से प्रमुख हैंनेशनल बुक ट्रस्ट, इण्डिया द्वारा प्रकाशित यात्रा संस्मरण 'कश्मीर से कन्याकुमारी', ललित कला अकादेमी द्वारा प्रकाशित कला आलोचना की 'कलावाक्', प्रभात प्रकाशन द्वारा प्रकाशित 'भारत में पर्यटन', कविता संग्रह ‘झरने लगते हैं शब्द', राजस्थान हिन्दी ग्रंथ अकादेमी द्वारा प्रकाशित 'सांस्कृतिक पर्यटन' एवं 'पर्यटन उद्भव एवं विकास' आदि। डॉ. व्यास को पत्रकारिता का विशिष्ट 'माणक अलंकरण', भारत सरकार का प्रतिष्ठित 'राहुल सांकृत्यायन' अवार्ड, राजस्थान सरकार का 'उत्कृष्ट मौलिक लेखक' पुरस्कार, राजस्थान युवा संस्था द्वारा 'कला लेखक' सहित विभिन्न अन्य अलंकरण प्रदान किए गए हैं। वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के पत्रकारिता एवं जनसंचार तथा पर्यटन एवं संस्कृति संबंधित पाठ्यक्रमों का लेखन भी व्यास ने किया है। डॉ. व्यास इन समय राजस्थान सूचना सेवा के वरिष्ठ अधिकारी हैं।

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