Gorakh Thorat

जन्म : 1969। समकालीन हिंदी अनुवादकों में एक चर्चित नाम हैं। हिंदी में आपकी अनेक आलोचनात्मक पुस्तकें प्रकाशित हैं, परंतु आपकी पहचान बतौर एक अनुवादक बनी हुई है। आपने ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित भालचंद्र नेमाड़े के 'हिंदू-जीने का समृद्ध कबाड़', 'झूल' (उपन्यास), देखणी (कविता संकलन), राजन गवस के 'जोगवा' तथा 'तणकट' (उपन्यास), अभिराम भड़कमकर कृत 'बालगंधर्व' (उपन्यास), 'समकालीन सिंधी कथा' (कहानी संकलन) आदि रचनात्मक साहित्य का अनुवाद किया है। इनके अलावा रजा फाउण्डेशन, नयी दिल्ली के लिए 'चित्रमय भारत' (चित्रकला), 'घरानेदार गायकी' (संगीत) तथा 'पोत' (स्थापत्य) आदि कलासंबंधी रचनाओं का भी अनुवाद किया है। आपको 'हिंदू-जीने का समृद्ध कबाड़' उपन्यास के अनुवाद के लिए महाराष्ट्र राज्य हिंदी साहित्य अकादमी का मामा वरेरकर पुरस्कार, 'देखणी' कविता संकलन के अनुवाद के लिए अमर उजाला फाउण्डेशन का 'भाषाबंधु' पुरस्कार तथा 'बालगंधर्व' उपन्यास के अनुवाद के लिए Valley of Words International Literary and Arts Festival, 2019 Dehradun का श्रेष्ठ अनुवाद पुरस्कार प्राप्त हो चुका है। संप्रति आप बतौर हिंदी असोसिएट प्रोफेसर एस.पी. कॉलेज, पुणे में कार्यरत हैं।