Leeladhar Mandloi

जन्म: १५ अक्टूबर १९५३, छिन्दवाड़ा के गाँव गुढ़ी में। प्रमुख कविता संग्रह: घर-घर घूमा, रात-बिरात, मगर एक आवाज, कल बांका तिरछा, एक बहोत कोमल तान, महज़ शरीर नहीं पहन रखा था उसने, लिखे में दुक्ख, मनवा बेपरवाह, भीजै दास कबीर और जलावतन। कविता चयन: देखा-अदेखा और हत्यारे उतर चुके हैं क्षीरसागर में। उपस्थित है समुद्र (हिन्दी व रूसी भाषा में)। डायरी: दाना पानी, दिनन-दिनन के फेर, राग सतपुड़ा और ईश्वर कहीं नहीं। आलोचना: कविता का तिर्यक। यात्रा-व्रतान्त: काला पानी। निबन्ध: अर्थ जल और कवि का गद्य। अनुवाद की दो किताबें। बच्चों के लिए तीन कथा-संग्रह। प्रमुख सम्मान: कबीर, पुश्किन, रज़ा, नागार्जुन, शमशेर, किशोरी अमोनकर, रामविलास शर्मा, वागीश्वरी, कृति, प्रमोद वर्मा व साहित्यकार सम्मान। नया ज्ञानोदय और वर्तमान में विश्वरंग पत्रिका का सम्पादन।