Manoj Borgaokar

जन्म: १९६७। वंचित वर्ग के दर्द क अभिव्यक्ति देने वाले संवेदनशील साहित्यकार मनोज बोरगावकर बीते पच्चीस वर्षों से कविताएँ लिख रहे हैं। पेशे से अध्यापक का दायित्व निभा रहे मनोज जी मराठी साहित्य में एक प्रयोगशील कवि माने जाते हैं। मानवीय जीवन की विसंगतियों में छिपी अव्यक्त संगति की तलाश आपके साहित्य की विशेषता है। इस दृष्टि से आपका कोरा कागद निली शाई कविता संकलन अहम है। वर्तमान में आपका नदीष्ट उपन्यास मराठी जगत् में चर्चित है, जिसके एक साल के भीतर तीन संस्करण निकल चुके हैं। आपकी नदीष्ट रचना को मनोरमा पुरस्कार (शोलापुर), नरहर कुरुन्दकर पुरस्कार (औरंगाबाद) तथा दिवाकर चौधरी पुरस्कार (जलगाँव) आदि पुरस्कार प्राप्त हुए हैं।